बेवफा  जुबान

बेवफा जुबान

कसूर तो था इन निगाहों का
जो चुपके से दीदार कर बैठी
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी
पर बेवफा ये जुबान इज़हार कर बैठी